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AVIYOGA -कभी खुद से पूछना? ये

मैं एक बात अपने दोस्तो से बोलता हु की करोडो ब्रम्हांड है केवल आकाशगंगा के सौर परिवार 9 गृह जिसमे से मेरा जन्म पृथ्वी पे  क्यो हुआ, चलो 204 देश है मेरा जन्म आर्यावर्त के महान भारत मे ही क्यो हुआ?, चलो देश मे 29 प्रदेश है, उत्तर प्रदेश ही क्यो? 650 जिले है केवल झांसी ही क्यो?  और 6 लाख 50 हजार गाँव केवल सिमरा ही क्यो?  700 करोड़ मानव है केवल यही माता- पिता क्यो?  15 million different species in the world why Homo सेपियन्स (मानव ही क्यो?)  पृथ्वी पर लगभग 4-5 हजार मानवीय मांयताये है केवल सनातन संस्कृति मे ही क्यो? दुनियाँ मे 3000 जातियाँ, 25 हजार उपजातिया है केवल संत परिवार ही क्यो?  जबाब खुद ढुड़ने पड़ते है तब तक कर्मयोग करे, और अगर आपको मांस खाने के लिए पैदा करते तो आप शेर बाघ, कुत्ता कौआ, पैदा होते, बच्चे पैदा करने होते तो चूहे, और खरगोस जैसे होते, (सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करते ये दो जीव)  और केवल संभोग के लिए तो आप कुछ भी होते पर मानव तो नही, विश्व की प्राणी जगत मे सबसे जटिल मस्तिष्क, अनोखा शरीर जिसकी क्षमता अभी भी पता नही और केवल एक नौकरी करने के लिए...

A Man from 30th Century (भविष्य के मानव की डायरी

नजरिया बदलना पड़ता है तब एक और पहलू नजर आता है  जिन्दगी ज्यादा नही है ख़ुश होते है जब सालों सैकेंड से लगते है, मे नयी सोच, और नये अंदाज़ से जीवन जीने आया हु।  किस्मत देखो जो यहाँ अभी नियम है वो मुझे सब कुरीतिया लग रही है, पृथ्वी पर 5000 मानवीय मान्यता है (जिसे धर्म कहते है)  लोगों की सबसे बड़ी गलती जो 21 वी सदी मे कर रहे थे  वो अपने मस्तिष्क पे काबू नही पा रहे थे, जबकि इससे 4-5 हजार साल पहले आर्य ये बखुबी कर रहे थे पर अभी तो मानव सबसे अच्छे युग मे है। ज्ञान के लिए कुछ बटन दवाने होते है तब भी। 

विश्वास अविनाशवाद

जाति कर्म बातये है और कर्म बताती है जाति जातिवाद जो करें मूरख का बनो न साथी धर्म से पता चले कैसे है विचार जो मान्यता गलत सिखाये छोड़ो तुरंत महाराज सब मानव है एक से कहता अविनाशवाद साच, समानता से जुडो होवे देश विकास। #अविनाशवाद 🌏 #MakeBharatGreatAgain 🇮🇳

Youth need truth

ये घिनोना सच किसी भी social media पे मिल जायेगा, तन की नुमायश, को ज्यादा पसंद किया जाता, विचार, कला को कम बडा ही दोगलापन से भरा समाज है अभी तब तक सुधार नही किया जा सकता जब तक लोगो मे, नैतिकता का विकास न हो, मे खुली चुनौती दे सकता हु। मेरे शव्दो , कर्म, जीवन मे गर कोई भेद हो, सालों लगे तब इस एक रूपता को पाया है। अब समाज को दिशा देने का समय है, हम दुनिया के सबसे युवा देश है, हमारे पास एक मौका है, अपने देश को महानता के शिखर पे पहुँचाने का । पर कैसे होगा? समाज का एक हिस्सा हम है खुद का विकाश ही समाज का विकाश है, मैने NSS मे एक नारा कहता था, 'हम सुधरेंगे जग सुधरेगा, और कोई बडी बात नही है। आप जहाँ हो जैसे हो वही से सुरुआत कर सकते है। सच का साथ ही विकाश और सुधार है ।online, ofline जहाँ भी गलत हो वही उसे रोके, कोई बड़ा काम नही है जो सच है उसे स्वीकार करे, गलत को गलत, सही को सही कहे , हा थोड़ा अजीव लगेगा क्योकि बदलाव लोगो को स्वीकार नही, और यह काम विना साहस के भी नही हो सकता मेरा मानना है 'कायर और डरपोक सच बोल ही नही सकते, कुछ रिश्ते टूटेंगे, पर कुछ बनेंगे पर विश्वास करना झूठी भे...

Equality - the World Law

बात तब की है जब अपनी कक्षा ख्तम होने पर मे दो बजे अपनी संस्कृत की कक्षा जा रहा था तभी दो बच्चे (12-13 साल के होंगे कचरा उठाते हुए और स्कूल की बाते करते सुना, मैने बात की तब उन्होंने बताया की दिनभर कचरा इकट्ठा करके जो रूपये मिलते है उनसे खाना मिलता, वही दुसरी और कुछ हंश के जोड़े जो बैठे थे खाना से खेल रहे थे । मुझे किसी को नैतिक शिक्षा नहीं देनी, जिनके बच्चे वो जाने , जिनकी जिन्दगी वो देखें उन्हे रास पसंद है करे,           भारत मे 1 करोड़ 80 लाख ऐसे बच्चे होंगे जो ऐसे ही  बिना घर के है, न इनकी जाति है न कोई पहचान अब , तो अब क्या किया जाए इन जैसे बिना घर बालों को आरक्षण दिया जाय या जो घर मे रहकर लाल  नीले कपड़े पहनकर रोड़ और बस जला रहे है। आरक्षण का इतिहास बड़ा मजेदार है  ये है जनता को एक तरफ जाति प्रमाण पत्र मांगती है दुसरी तरफ संविधान की समानता का ढोल बजाती है। सरकार को बस भारतीय नागरिक है ये देखना चाहिए और दूसरा उसकी आर्थिक स्थिति कार्ड जिससे बह आरक्षण के दायरे मे है या नही पता चल सके। जो आज बेरोजगार दिवस मना रहे वो भी कम...

अविनाशावली

सच के साबुन के बिना  धुले न मन का मैल ,  राही 'पाठक' चल रहा लिए प्रेम की गैल. 

शाम........

शाम थी आयी और फरियाद की  कहा रोज़ आती हु !  निहारते हो शाम थी आयी और फरियाद की कहा रोज़ आती हु,  क्या नई बात लगी ,  क्यो मुस्कुराते हो, डूबता है सूरज ?  क्यो भाता है अंधेरा ?  जवाव आसान से थे  फिर भी शांत रहा,  पर मन कहा चुप रहा  जो मेहनत से बड़े वो चमकता है धमंड मे चूर तो है डूबता प्रेम का न न कोई छोर है ,  पानी और पपीहा जैसे मेरा मोह है, 

अविनाशावली

सच के साबुन के बिना  धुले न मन का मैल ,  राही 'पाठक' चल रहा लिए प्रेम की गैल. 

देश की पहेली......

चलो एक पहेली सुनाता हू, युवाओ को और छात्रों के समर्थन मे सच की आवाज़  जब मैने देखा न media, न कोई नेता एक शव्द न बोला तब लगा, जरूरत है सच की जरूरत है मेरी....  पर ये व्यंग राजनैतिक नही नैतिकमूल्य से है।  #speakupforsscRailway  #TruthandYouth  चुनाव के समय ये मेढक की तरह तरराएँगे 'टोटीचोर ' विकाश पुरुष बन जायेंगे,  50 साल के अधेड़ युवा बन जायेंगे,  बताओ कौन??  कभी हिंदु, कभी muslim बन जायेंगे  करोडो की गाड़ियां, फटा कुर्ता दिखाएँगे  हिंदी चाहे आये न नेता बन जाएँगे बताओ कौन?  इसका ढोँग तुम क्या जाने  अन्ना पे जो बीती थी  कुर्सी के लिए इसको सारी दुनिया फीकी थी  बताओ कौन,?  ये अलग है महारानी, जात -पात करती कहानी  अरवो की मालिक और है बहुत गरीब  हाथी मूर्तिया दिल के करीब  बताओ कौन?  इसके जैसा दोगला मेने नही देखा  हिंदु मुस्लिम राजनीति का बनाये घोसला,  अच्छे काम मे लगाए अड़दंगा  है एक हैदराबादी पतंगा  बताओ कौन?  2000 पार्टिया कानून नही एक पड़ा लिखा नेता हो ,हो स्वयंविवेक...

Story_of_United_Human_Organization

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2012 का साल और गाँव से आये तीन साल हो गये थे हॉस्टल मे और news देखी की 12:12:12 जैसी तारिक कभी नहीं आयेगी यादगार बनाने के लिए College मे कोई leadership program चल रहा था मैने सोचा इससे अच्छा क्या होगा और तभी कई लोगो को सुनने के बाद मुझे भी बोलने का मौका मिला और मुझे तब बहुत से महान लोगो के quote याद थे, अखवार के कोने मे जो छपते थे उनको काट के मैं एक रजिस्टर मे रखने की आदत थी उस आदत ने बड़िया speech करवायी और मे घडी देख रहा था क्योकि प्रमाड पत्र मे 12 बजकर 12 मिनट पर ही लूंगा और मिशन जीतने की खुशी के साथ आया और दिमाग मे सवाल थे क्या मैं भी कुछ ऐसा यादगार कर सकता हु जो दुनिया याद रखे। और निश्चय किया विश्व का सबसे बड़ा संस्थान तो मै ही बनाऊगा,     सच मे बचपन बड़ा ही अच्छा होता है अगर सपनो पे कोशिश की जाये फिर मैने एक रजिस्टर खरीदा जिसपे मैने लिखा की जिन्दगी मै क्या क्या करना है। मे काफी उत्सहित था क्योकि मैने प्रेडना को महसूस किया था ।  और लिखता गया अपने सपने को वास्तव मे अभी इसको रूप मिला और अब सालों बाद यह सबके सामने है ।  असल मे यह समस्याओं का समाधान...

काश दिल बोल पाता

 'कविता की आधार कुछ यू है एक प्रेमी का एक प्रेमिका के प्रति प्रेम  जो की व्यक्त नही कर पा रहा तब बह चाहता है की काश उसका हृदय बोल उठे और सच प्रेमिका जाने ....... ..  आनंद लीजिए एक प्रेम रस की कविता का '   -   अविनाश  काश दिल बोल पाता. ..  कि हर धड़कन के साथ तुझे याद किया है कैसे तेरी हर बात को गाना की तरह गुनगुनाते है  कैसे तेरी तस्वीर को सिरहाने लगाते है  कैसे तुम सपनो मे साड़ी मे आयी थी  कैसे हम साथ हाथों मे हाथ सागर किनारे घूमें दिल क्या चाहता है बताता हु  तेरे साथ हँसना चाहता हु  थोड़ा रोना चाहता हु  दुनिया का कोना कोना तेरे साथ घूमना चाहता हु  राज जिन्दगी के बाटना चाहता हु  एक बुल्लेट की सवारी हो  भारत का नजारा तेरे साथ चाहता हु छोटा घर एक बगीचा, एक कुत्ता भी होगा  सपनो का घर कुछ ऐसा होगा बच्चों की मा मे तुझे चाहता हु  सुबह का नास्ता मैं बनाउ  साथ मैं  योगा भी करना चाहता हु क्या बताऊ कितना चाहता हु।  काश दिल बोल पाता 

Social Experiment 8424

#Negative_Attract_fast' I'm socialist &Human psychological and doing Experiment on society for my Project Last 6 years I'm experimenting about human behaviour in 21st Century and there Cerebellum capabilities . Now I'm decide to share all my social experiment To help people. Because they are accurate and Real fact not hypothetical thought. Today's topic we pick based on thought type Negative & Positive Positive thought Empowering us to goal and negative Bringing Us to unknown fear douts prevent us to doing something And we are attract fast cause we don't practice to be positive and the environment of society full of judgemental minds 8 Way to overcome Negative Thought *Recognize thought distortions. ... *Challenge negative thoughts. ... *Take a break from negative thoughts. ... *Release judgment. ... *Practice gratitude. ... *Focus on your strengths. *Practice Aviyoga © ✍️Avinash Pathak  #TruthandYouth #ap8424 

जीवन यात्रा

जीवन एक यात्रा ही है और शरीर यात्रा से पहले ध्यान दे  किस तरीके से आप जियोगे  आपका लक्ष्य क्या है जीवन का ?  लक्ष्य को पाने का रास्ता,  अच्छाई या बुराई का रास्ता आनाओगे,  क्या जिन्दगी मे बस रूपए भी कमाओगे।  क्या होगी दुनिया मे आपकी पहचान  कितना बड़ा होगा दिल का मकान क्या सत्य कहने का साहस कर पाओगे  दुनिया को परिवार सा अपनाओगे  साफ जितनी मंजिल उतना आसान रास्ता रास्ते मे खुद को तो न भूल जाओगे, .............    

बेलियापीपल

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घर वहीं जहां परिवार है,

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