अविनाशावली

सच के साबुन के बिना
 धुले न मन का मैल , 
राही 'पाठक' चल रहा
लिए प्रेम की गैल. 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कायर और झूठे

BRAW method -

अविनाशकाल - आखिरी कैलेंडर