पंडित - Prophet of Humanity
पंडित कोई जाति नहीं है यह कर्म का नाम है पंडित तीन प्रकार के हैं
कर्म पंडित - जो व्यक्ति अपने जीवन का प्रयोग दूसरों को ज्ञान शिक्षा और मनुष्य सेवा में लगा दे चाहे वह किसी भी जाति का हो गए पंडित है|
2. शरीर से पंडित- जो अपने शरीर में किसी भी प्रकार के जीव जंतु का मांस ना ले जो सब जीवो पर दया करें प्रकृति द्वारा दिए गए फल सब्जियों का भक्षण करें वही पंडित है केवल सात्विक भोजन करें |
3.- बचन से पंडित - जो व्यक्ति इस सत्य बोले शब्दों का प्रयोग ना करें( वहीं जहां जरूरत है) हर स्थिति में नारी का सम्मान करें वही पंडित है |
मैं जब अपने नाम के आगे पंडित लिखता हूं तब मैं इन जिम्मेदारियों को निभा रहा हूं तभी लिखता हूं जातिवाद नहीं यह कर्म बाद है कोई भी मनुष्य पंडित बन सकता है बस उसको यह नियम मानने होंगे |
तिलक लगाने से ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने से और दिखावा से पंडित नहीं बनता कोई यह कर्म का नाम है |
दुनिया को इनकी जरूरत है आइए पंडित बनिए
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें