संदेश

अविनाश युग के 13 वर्ष| अविनाश पाठक

एड. अविनाश पाठक क्रांतिकारी लेखक, अधिवक्ता,  संस्थापक UHO 🇮🇳 एक सच्चा देश भक्त । बचपन से अब तक , 13 साल का सफर एक लक्ष्य के लिए मेरा संघर्ष ,  2012 - उम्र 14 ✒️ संकल्प *UHO* विश्व का सबसे बड़ा संस्थान बनाने का ( जन्मदिन पर वृक्ष लगाने का संदेश प्रसार शुरू )  2014 - से शुरू  2020 - भारत जगाओ यात्रा 🌳 कोरोना के कारण रोकी गई  2021 - भारत जगाओ यात्रा 2.0 🌳powerd रोड़मास्टर साइकिल 2023 - शनिवार समाज के लिए 🌳🌍 2024 - उम्र 26 सबसे कम उम्र सांसद , झांसी ललितपुर लोकसभा प्रत्याशी , बीड़ा किसानों को न्याय दिलाने के लिए, AJP की शुरुआत  2025 - शनिवार समाज के लिए आंदोलन के 130 हफ्ते   एक करोड़ शपथ अभियान🌳 UHO का मुख्यालय व 4 कार्यालय दो देशों में  UHO के अन्य ब्रांड  UHO Academy -3 UHO Law Club -5  UHO kisan  UHO library 1... ✒️अविनाश युग का 13 व वर्ष,  The UHO House - 9305770340

बीड़ा - किसानो की पीड़ा

जिन लोगों को देखकर मैं बड़ा हुआ हूं  मैने अपनी आखों से पुरुषो को रोते नही देखा था..... बड़ा ही पीड़ा दायक दौर से इतने गांव गुजर रहे है। 33 गांव मैं लाखो किसान रो रहा है और कोई मीडिया नही कोई कुछ नही अंग्रेजी शासन लग रहा है कोई बात रखे तो उसे जेल में डालने की धमकी ... तुमसे बोला जाय घर खाली करो और रुपए लो   आज में कश्मीरी पंडितों का दर्द का अनुभव भी कर रहा हूं तीन दिन से सोया नही, मैं जो बोल रहा हूं अखबार में उसका उल्टा आ रहा है ।  मीडिया, अधिकारी, नेता किसानो पर ये थोप रहे है और जबदस्ती का विकास कह रहे हैं 

चिट्ठी| सभी छात्रों के लिए

Good morning,  Mere Juniors और seniors में  अविनाश पाठक (BU छात्र)  *UHO* सोशल स्टार्टअप की वजह से जानते हैं। इस साल UPSC का सेकंड अटेम्प्ट देने जा रहा था पर बीच में किसानों की जमीन अधिग्रहण सामने आ गया जिसके कारण सारा ध्यान अब इसपर है।  मैने 14 साल की उम्र में I Have Vision of Great Bharat 🇮🇳 बुक लिखना शुरू की थी। मेरा सपना साफ है देश की सेवा करना आईएएस बनकर या अच्छा entrreprenuer बनकर। NCC , NSS , RSS , संकृत भारती देश के लिए हर एक चीज सीखी सारे कैंप किए   पर आए दिन देश के नागरिकों का ऐसा हाल जहा अपनी बात मनवाने के लिए आंदोलन करना पड़ता है ।  में समाज शास्त्र का छात्र हूं , हम सब भारतीय समाज का हिस्सा है।  आप सभी इसको जरूर देखे।  BIDA क्या है इसके फायदा और नुकसान सब जाने .....  कहा बनना चाहिए अपनी भी ओपिनियन बनाएं आप ही इस देश के नागरिक है कल अधिकारी और विधायक सांसद होंगे।  विचार करे Make Bharat Great Again 🇮🇳🌳 लेखक हु समाज का सत्य बताना काम है मेरा  आप सब भी जुड़े , एक एक मिनट कीमती होता है एग्जाम के समय पर आज किसानो के...

जैसे कल ही था.....

जीवन मे आये सभी किरदारों के नाम * मित्रो को समर्पित * जैसे कल ही था में अपने भाइयो के साथ हॉस्टल में था दोस्तों के साथ पड़ना , खेलना , कल ही था रूम के दोस्तो के साथ खाना बनाना , घूमना, सादियों मे नाचना, जैसे कल ही था, अपने लॉ कॉलेज में वकालत की पहली किताब वो पहली हसती हुई मुस्कुराहट, (arvi) वो कल ही था जैसे अन्ना का डोसा रात मे साइकिल वो कल ही था, वो कल ही था वो पहला uho पेड़ (GIC) पहला birthday tree (BU) जैसे कल ही था जल्द कविता पूरी करूँगा  © अविनाश पाठक  * जो अभी तक साथ है हा वो खास है *  www.alphazEAvinash.blogspot.com

BRAW method -

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BRAW method of Avinash Pathak  B - Behavior R- Reaction  A - Action  On you W- Word  देखिये मानवों के 4 प्रकार है  उत्तम, मध्यम, अधम और खल,  कौन आपको कितना महत्व देता है वास्तव में इसका पता आप इस सूत्र से लगा सकते है  आपके शव्दो पर उसकी क्रिया, प्रतिक्रिया, झूठ बोल सकता हैं कोई भी अब हर कोई उत्तम तो नही की मन बचन कर्म से एक हो, इसका प्रयोग करे और जीवन में सत्य लाये, सच्चे साथी होंगे तभी सच्चे मिलेंगे।   इसके प्रयोग से मैंने हजारो प्रयोग किये है . .......... (Article अधूरा है)             © Avinash Pathak office 

केवल मानव अधिकार ही क्यों ? अविनाश पाठक

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मानवों को अधिकार मिले  और हनन को रोकने के लिए कितने कानून है  और जीवों को काटा जाता है, हत्यारों को शिकारी का शव्द दिया गया  लाश खाने बालों के लिए मुर्दा घर भी खुले है लोग KFC कहते है मैं बिल्कुल धार्मिक नही मै तो अविनाशवादी विचार धारा को लिख ही नही उसे ही धर्म मानता,  सत्य ही सर्वोपरि है,  जैसे मानव की आवादी है वैसे ही अब हर जीव और पेड़ की आवादी गिन ली गयी है पर किसी ने भी इनको अधिकार देने के लिए न सोचा किस्मत अच्छी है भारत मै पैदा हुआ जिसकी संस्कृति मे सिखाया जाता है हर आत्मा एक जैसी है इसलिए जब बुद्धि आती है तब दूसरे के भी दर्द दिखते है और पछतावा होता है, वर्ना अन्य देशों में तो हत्या (मांस) को पाप तक न कहा इतिहास के बड़े बड़े मुर्ख देवताओं जैसे है । या तब सही थे पर अब समय के साथ वो तो निपट लिये पर उनके नियम न बदल पाये।  सभी को समान अधिकार के लिए कदम उठाना जरूरी है वरना आज जो ये छोटे जीव की लाश खा रहे बिना पछतावे के कल के दिन नरभक्षी न बन जाए और अंधी सरकारें या और हरामखोर नौकर दुनिया को मिटा दे।  जीव अधिकार दिवस की शुरुआत करनी पड़ेगी ,ह...

मेरा पहला लंगर | मेरी 52 कहानियाँ | अविनाश पाठक

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तकनीकी खराबी की बजह से लेख हट गया है जल्द पूरा लेख आयेगा - अविनाश पाठक कार्यालय