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कर्म - एक पहचान

समुंदरों से शांत ,ज्वाला सा गर्म हूं| हे मानस तेरे हाथ का वो कर्म हूं || सोचने से तुझको तेरा रास्ता मिल जाएगा| आगे तुझको  तेरा कर्म ही ले जाएगा| कुरान की कलमा ,गीता का मर्म हूं हे ...