कर्म - एक पहचान
समुंदरों से शांत ,ज्वाला सा गर्म हूं| हे मानस तेरे हाथ का वो कर्म हूं || सोचने से तुझको तेरा रास्ता मिल जाएगा| आगे तुझको तेरा कर्म ही ले जाएगा| कुरान की कलमा ,गीता का मर्म हूं हे ...
alphaz E avinash is collection of poetry, shayri & strories by Avinash Pathak