जैसे कल ही था.....
जीवन मे आये सभी किरदारों के नाम * मित्रो को समर्पित * जैसे कल ही था में अपने भाइयो के साथ हॉस्टल में था दोस्तों के साथ पड़ना , खेलना , कल ही था रूम के दोस्तो के साथ खाना बनाना , घूमना, सादियों मे नाचना, जैसे कल ही था, अपने लॉ कॉलेज में वकालत की पहली किताब वो पहली हसती हुई मुस्कुराहट, (arvi) वो कल ही था जैसे अन्ना का डोसा रात मे साइकिल वो कल ही था, वो कल ही था वो पहला uho पेड़ (GIC) पहला birthday tree (BU) जैसे कल ही था जल्द कविता पूरी करूँगा © अविनाश पाठक * जो अभी तक साथ है हा वो खास है * www.alphazEAvinash.blogspot.com