निंदा
" निंदा अगर सत्य आधार विहीन है वह निंदा निंदितकर्ता अपनी संतुष्टि करता है ऐसा करने मे वह उपर से हसता है पर अंदर से वह एक अकर्मि पुरुसार्थ हीन मानव होता है ऐसे लोगो पर दया करनी चाहिए, और मुस्कुरा कर शांत हो जाना चाहिए
alphaz E avinash is collection of poetry, shayri & strories by Avinash Pathak